मॉकपोल क्या है -
मतदान दिवस वास्त्विक मतदान के पूर्व राजनितिक, उम्मीदवार, दलों के ऐजेंटों के समक्ष मतदान कराया जाता है। डाले गए मतो की तुरंत गणना के बाद डाले गए मतो को डिलिट करके सील लगाया जाता है। इसे मॉकपोल कहते हैं। ताकि EVM मशीन की विश्वस्नीयता बनी रहे।
मतदान के पहले मॉकपोल क्यों कराया जाता है?
भारत में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग अब पूर्ण रूप से किया जा रहा है।
राजनितिक दलों को लगता है कि EVM इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से वोटिंग कराये जाने से मशीन में छेड़ छाड़ करके किसी को भी हराया या जिताया जा सकता है। इसलिए राजनितिक दल बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक चले गए।सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार निर्वाचन आयोग द्वारा बैलेट यूनिट के साथ ही Vvpat मशीन लगाया जाता है। जिसमें वोटर्स बैलेट यूनिट का बटन दबाने के बाद अपने द्वारा डाले गए मत का सत्यापन कर सकता है।
मॉकपोल की प्रक्रिया क्या है ?
वैसे तो EVM मशीन का अनेकों बार परिक्षण करने के बाद ही मतदान केंद्र में ले जाया जाता है उसके बाद भी मतदान केंद्र में वास्त्विक मतदान के पूर्व राजनितिक दलों के एजेंटों के समक्ष 50 (कम से कम) वोट करवाया जाता है। इस दौरान बैलेट यूनिट में सभी प्रत्याशियों नोटा सहित का बटन दबाया जाता है तत्पश्चात vvpat की पर्ची से मिलान कराकर CU कंट्रोल यूनिट से सभी डेटा डिलीट करके सील किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग डेढ़ घंटे में संपन्न होता है। मतदान अधिकारीयों और एजेंटों के संतुष्ट होने के बाद वास्त्विक मतदान प्रारम्भ किया जाता है।
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