जामुन एक औषधि
वर्षा ऋतू आरम्भ होते ही मानसून की बौछारों के साथ ही काले काले रसीले जामुन बाजारों में आना प्रारम्भ हो जाता है। जामुन हमें अपनी और आकर्षित करता है। ये जामुन हमारे स्वास्थ के लिए बड़ा ही उपयोगी है।
आयुर्वेद में जामुन औषधि के रूप में विशेष स्थान रखता है। जामुन वृक्ष का सर्वाग (फूल फल पत्ते पेड़ की छाल और जड़) उपयोग में लाया जाता है।
*जामुन की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसका सेवन मसूड़ों से निकलने वाले खून को रोकने में और संक्रमण को फैलने से रोकता है। जामुन का दातुन भी दांतों के लिए गुणकारी है।
*जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम् पाया जाता है।
*स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन शरीर में न केवल हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता। पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन संबंधी कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में अत्यंत उपयोगी है।
*मुंह के छालों में जामुन की छाल के काढ़ा का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। जामुन में मौजूद आयरन खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
*जामुन का फल, पत्तियाँ और छाल का नियमित सेवन मधुमेह (शुगर) को बढ़ने नहीं देता। जामुन के फलों को सूखा कर बीजों का भी उपयोग में लाया जा सकता है।
*एक रिसर्च के अनुसार अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल, हरी काई नहीं जमता है।
*जामुन का रस नियमित लेने से पथरी ston गल कर निकल जाती है।
*जामुन के पतले टहनी का छाल निकाल कर सुखाकर सौंफ mouth freshner के रूप में किया जा सकता है।
जामुन हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, अतः जामुन का सेवन अवश्य करना चाहिए।

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