लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के साथ ही राजनितिक दलों और नेताओं द्वारा निर्वाचन EVM (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) के बजाय बैलेट पेपर से करने की माँग कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्लान
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकसभा चुनाव EVM के बदले बैलेट पेपर से करने की मांग किया। भूपेश बघेल स्वयं राजनांदगांव से प्रत्याशी हैं उन्होंने कहा कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से 384 (कैंडिडेट) प्रत्याशी चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरे, जिससे चुनाव बैलेट पेपर से संभव हो सके।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसा क्यों कहा इसके पीछे तर्क यह है कि ईवीएम मशीन से एक बार में अधिकतम 384 कैंडिडेट तक का चुनाव हो सकता है यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन EVM के एक बैलेट यूनिट में 16 प्रत्याशी का नाम होता है जिसमें एक नोट होता है इससे अधिक अभ्यर्थी होने पर पहले यूनिट से जोड़कर दूसरा यूनिट लगाया जाता है अर्थात दो बैलेट यूनिट लगाए जाने पर 16 × 2 = 32 प्रत्याशियों के लिए मतदान किया जा सकता है इस प्रकार इसे बढ़ाते हुए अधिकतम 24 बैलेट यूनिट लगाया जा सकता है जिसमें अधिकतम 384 अभ्यर्थी का चुनाव संभव है जिसमें एक नोटा रहेगा।
इस प्रकार यदि 384 अभ्यर्थी से अधिक प्रत्याशी होता है तब इसके लिए चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा।
इसी प्रकार की कुछ संभावनाएं महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण के तहत वहां के आंदोलनकारी समूह भी अपनी प्रतिक्रिया दिए हुए थे।
क्या यह संभव है ?
भूपेश बघेल के इस बयान के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग सतर्क हो गए । आयोग द्वारा अधिकारीयों के साथ बैठकें लेकर इस पर मंथन शुरू हो चुका है। चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या 384 से अधिक होने पर क्या होगा। सूत्रों के अनुसार मानें तो ऐसे में आयोग दो EVM लगाने की सोच रहे हैं। एक EVM में 24 बैलेट यूनिट तो दो EVM में 48 बैलेट यूनिट होगा। इस प्रकार 384 × 2 = 768 प्रत्याशियों को लोग एक साथ वोट डाल सकेंगे।
चुनाव आयोग EVM इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर राजनितिक दलों द्वारा लगाए जाने वाले सभी प्रकार के आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है।
चुनाव आयोग ईवीएम मशीन के प्रति लोगों के भरोसे को मजबूती प्रदान करने के लिए vvpat"वीवीपीएटी" (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) को भी जोड़ा गया है जिसमें मतदाता मतदान के बाद अपने किए गए मतदान के छाप को देख सकता है।
उसके अलावा मतदान केंद्र पर जाने के पूर्व ईवीएम मशीन बैलेट यूनिट सबको अनेकों बार परीक्षण के बाद मतदान के लिए भेजा जाता है तथा मतदान के पूर्व प्रत्याशियों के मतदान अभिकर्ताओं को सभी प्रकार से संतुष्ट करने के बाद ही मतदान प्रारंभ किया कराया जाता है तत्पश्चात कड़ी सुरक्षा में इन मशीनों को मतगणना के पूर्व तक सुरक्षित रखा जाता है।
इन मशीनों को किसी भी प्रकार के वायरलेस, इंटरनेट, ब्लू टूथ आदि के माध्यम से जोड़ा नहीं जा सकता। इसकी जागरूकता के लिए चुनाव आयोग ऐप भी जारी किया है।
वोटर की सहायता के लिए 6 मोबाइल एप्लीकेशन
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