दुर्ग के समप्रिया और राजनांदगांव के पूनम तिवारी को साहित्य अकादमी पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा।
दुर्ग जिला के 'जामुल' में रहने वाले निषाद परिवार की बहू अंतर्राष्ट्रीय पंडवानी गायिका संपरिया पूजा निषाद को संस्कृति मंत्रालय ने "उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार" प्रदान किया गया है।
पद्मश्री तीजन बाई से प्रभावित सम्प्रिया -
समप्रिया बचपन से ही गायन एवं नृत्य का शौक रखती थी लेकिन पद्मश्री पन्डवानी गायिका तीजन बाई का पंडवानी देखकर पंडवानी गाने की प्रेरणा मिली। 2015 से पंडवानी गायन का कार्य शुरू किया शुरुआती दौर में कुछ परेशानी तो हुई लेकिन उनके पति संतोष निषाद जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकार हैं ने इनको प्रोत्साहित किया। उनके दादा ससुर पद्मश्री "पुनाराम निषाद" पंडवानी गायक से सहयोग मिला। पुनाराम निषाद पंडवानी गायक थे जिससे सम्प्रिया को कला साधना सीखने में काफी मदद मिली। सम्प्रिया पद्मश्री तीजन बाई, पद्मश्री पुनाराम निषाद एवं अपने पति संतोष निषाद को अपना गुरु मानती है। संपरिया तीजन बाई से बहुत प्रभावित है। वह अपने प्रदर्शन के दौरान तीजन बाई के कापालिक शैली तथा संवाद एवं कथानक की प्रस्तुति करती है । समप्रिया के पंडवानी शैली को पद्मश्री तीजन बाई ने भी सराहा है।
संपरिया 12वीं तक पढ़ी लिखी है तथा राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंचों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंदन, फ्रांस, अफ्रीका एवं जापान में भी विभिन्न आयोजनों में अपनी कला की प्रस्तुति दी है। सम्प्रिया पूजा निषाद का जन्म पिता अमित चौरिया, मां गौरी बाई के घर छत्तीसगढ़ कवर्धा जिले के खुर्सीपार में हुआ।
राजनांदगांव जिले की लोक गायिका पूनम तिवारी
राजनांदगांव जिले की लोक गायिका पूनम तिवारी को संगीत एवं नाटक अकादमी साहित्य पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा। पूनम तिवारी बचपन से ही नृत्य की ओर आकर्षित थी। इसकी मां छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कार्यक्रम नाच पार्टी में कार्यक्रम देने जाती थी पूनम भी अपनी मां के साथ जाती थी जहां ये दाऊ मंदरा जी, (छत्तीसगढ़ी संस्कृति विरासत के अमूल्य निधि) रामकुमार और मदनलाल जैसे कलाकारों के बीच पोषित हुई और अपनी मां की तरह यह भी मंचीय कार्यक्रम में प्रस्तुति देने लगी।
दुर्ग में एक कार्यक्रम प्रस्तुतीकरण के समय नाट्य सम्राट "हबीब तनवीर" पूनम तिवारी के अभिनय से प्रभावित हुए। हबीब तनवीर ने पूनम तिवारी को एक नया थियेटर प्रदान किया जिससे नाटकों से नई राह मिली।
'श्याम बेनेगल' के 'देवदास बंजारे' द्वारा अभिनीत 'चरणदास चोर' जैसे नाटक में काम किया। 'चरणदास चोर' के अलावा आगरा बाजार, मिट्टी की गाड़ी, हिरमा की अमर कहानी, बहादुर कलारीन, मुद्राराक्षस, शाजापुर की शांति बाई जैसे अनेक चर्चित नाटकों में अभिनय किया। इन नाटकों का मंचन भारत के अलावा लंदन, पेरिस, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, बांग्लादेश, शिकागो में भी किया गया।
"चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा"
वर्ष 2019 में उनके बेटे लोक कलाकार सूरज विराट की हृदय रोग से मौत हो गई जिससे वह बहुत व्यथित हो चुकी थी अपने बेटे की मौत पर उन्होंने "चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा" लोकगीत गायन कर पुत्र को अंतिम विदाई दी थी, यह घटना चर्चा का विषय रहा।
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