Wednesday, March 13, 2024

नई शिक्षा नीति: 52 भाषाओं में 200 फ्री डीटीएच चैनल से पढ़ाई होगी

      राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केंद्र सरकार ने लागू कर दिया लेकिन अभी भी अनेक राज्यों में यह नीति पूर्णता है लागू नहीं हुआ है। नई शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार नए सत्र से नई पहल करने जा रही है। 

new education policy

    शिक्षाविदों का मानना है कि बच्चों में सीखने की प्रक्रिया मातृभाषा में शीघ्रता से होती है। इसलिए स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने पर केंद्रित किया गया है, इसके तहत पहली बार प्रादेशिक भाषाओं में प्रवेशिकाएं भी तैयार की गई है, इन्हीं भाषाओं से वर्णमाला अ - आ, गिनती 1,2, 3,... और दो अंकों तक गणित सीख सकेंगे।

   मैसूर के भारतीय भाषा संस्थान और एनसीईआरटी दोनों ने मिलकर बनाया है। देश में 121 भाषाएं हैं।अभी 52 प्रादेशिक भाषाओं में तैयार किया गया है।

 एनसीईआरटी अपनी वेबसाइट में "पीडीएफ और फ्लिप बुक फॉर्मेट" जारी किया है। 

 पहले चरण में 17 राज्यों की राजभाषा व स्थानीय भाषा में प्रवेशिकाएं बनी है। नए सत्र के लिए किये जाने वाली पहल इस प्रकार है -

 1) भाषाई चैनल - इसके लिए केंद्र सरकार ने देश के अलग-अलग जिसमें 52 प्रकार के क्षेत्रीय भाषा को शामिल करते हुए पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षा का लक्ष्य रखते हुए जिसमें सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस एंड आईओएस राज्यों की एनसीईआरटी की मदद से कंटेंट तैयार किया गया है जो फ्री डिश डीटीएच चैनल से चलेंगे। वर्तमान में फ्री कंटेंट चैनल में लगभग 32 चैनल चल रही है जिसमें विभिन्न भाषाओं से कक्षा और विषयों से संबंधित जानकारी दी जाती है।

2) प्रोफेशनल स्टैंडर्ड (व्यवसायिक गुणवत्ता) -       शिक्षकों की गुणवत्ता एक जैसी हो इसके लिए प्रोफेशनल स्टैंडर्ड तैयार किए हैं इसमें शिक्षकों के स्तर व क्षमताओं को परिभाषित किया गया है शिक्षकों का मूल्यांकन होगा जिस पर टीचर की क्षमता गुणवत्ता आंकलन किया जाएगा। शिक्षकों की गुणवत्ता कम होने पर एंट्री मिशन में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

3) विद्या समीक्षा केंद्र - भारत के गुजरात मॉडल तरह सभी राज्यों में केंद्र बनेंगे जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा जिसमें स्कूलों के बच्चों का अटेंडेंस की एक्टिविटी रिजल्ट, मासिक टेस्ट, मिड डे मील आदि का रियल टाइम डाटा अपलोड करना होगा।

 इसके लिए राज्यों को फंड भी जारी किया गया है उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों ने अपना डाटा केंद्र के साथ शेयर करना शुरू कर दिया।

4) एक्सीलेंस सेंटर - देश के सभी जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों जिसकी संख्या 600 के आसपास है को 5 साल में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। टीचर्स ट्रेनिंग की सुविधाएं दिया जाएगा। पहले चरण में 125 डाइट सुधारे जाएंगे उनके लिए यहां एक मॉडल वाटिका भी बनाई जाएगी।



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