Wednesday, January 24, 2024

रामलला विग्रह प्राण प्रतिष्ठा: अयोध्या

       हिन्दू धर्मावलंबियों के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामलला की मूर्ति 22 जनवरी को वैदिक विधि विधान  एवं मंत्रोचार के साथ ही अयोध्या के श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा हुआ। इसके साक्षी देश के प्रधानमंत्री, बड़े-बड़े संत महात्मा और देश-विदेश के करोड़ो हिंदू धर्म पर आस्था रखने वाले हिंदुओं और देश विदेश के सभी धर्मों के लोग रहे।

Shri Ramlala, Ayodhya

रामलला की मूर्ति का रंग काला

 क्या आप जानते हैं इस रामलला विग्रह काले रंग के पत्थर से क्यों बनाया गया। वैसे तो हम जानते हैं कि श्री राम जी सांवले थे लेकिन उनका सांवला पन नीलवर्ण लिए हुआ था। फिर भी रामलला की मूर्ति काले पत्थर से निर्माण की गई है। यह रामलला विग्रह शालिग्राम पत्थर से बनाई गई है, जो एक ही पत्थर से बना है इसमें कहीं से भी जोड़ नहीं है। यह शालिग्राम पत्थर नेपाल से लाया गया जिस पर रामलला के स्वरूप का आकार कर्नाटक के कलाकार अरुण राजगिरि जी ने दिया। शालिग्राम तो वैसे हर घर में पूजा जाता है हर घरों में पूजा के देव स्वरूप रखा जाता है इसी शालिग्राम पत्थर से बनाया गया है। 

शालिग्राम से ही मूर्ति बनाया गया क्यो-

रामलला के लिए शालिग्राम पत्थर नेपाल से लाया गया तब नेपाल के स्थानीय लोगों ने भाव विभोर होकर अश्रुपूर्ण विदाई दिया था। इसकी विशेषता है कि

 1) रामलला की मूर्ति पर लगातार पानी लगने से भी क्षरण नहीं होता। हजारों वर्षों में भी क्षति नहीं होगा।

2) कुम्कुम्-रोली लगाते रहने से भी किसी प्रकार की क्षति नहीं होगा।

3) रामलला विग्रह की आँख को पीले वस्त्र से बंद किया गया था जिसे प्राण प्रतिष्ठा के समय निकाला गया।

मूर्ति की विशेषताएं  

रामलला-का-आभूषणों-से-दिव्य-श्रृंगार-किया-गया

    रामलला की मूर्ति की विशेषताएं हैं इसमें श्री हरि विष्णु के 10 अवतारों को उत्कीर्ण किया गया है श्री राम भी श्री हरि विष्णु के अवतार थे। साथ ही श्री राम के परम भक्त हनुमान जी और और श्री हरि का वाहन पक्षीराज श्री गरुड़ जी की भी मूर्ति अंकित की गई है। इसके अलावा मूर्ति के ऊपरी भागों में ओम, स्वस्तिक चक्र, गदा जैसे शुभ चिन्हों का उत्कीर्णन् किया गया है मूर्ति की ऊंचाई लगभग 4 फीट 24 इंच और चौड़ाई 3 फिट है । मूर्ति का वजन 200 किलोग्राम है। रामलला विग्रह 5 वर्ष के बालक स्वरूप है।

    नई मूर्ति की स्थापना गर्भ गृह में होने के साथ ही रामलला की प्रकट मूर्ति का क्या होगा इसपर समिति ने कहा की नई मूर्ति रामलला लोगों के दर्शन के लिए है जो दूर से दर्शन कर सकते हैं और अयोध्या में प्रकट रामलला की मूर्ति वहीं है जिसकी पूजा और आराधना करते रहेंगे।

Ramlala Ayodhya

रामलला विग्रह के दिन अयोध्या नगरी ही नहीं बल्कि पूरे भारत के गांव गांव में दीपावाली सा त्यौहार मनाया गया। घरों, देवालयों, नगरों को सजाया गया, भजन कीर्तन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम विजय नहीं विनय है।

रामभक्त श्री तुलसीदास जी रामचरितमानस में अयोध्या के सौंदर्य का वर्णन करते हुए लिखते हैं -
ध्वज पताक तोरन पुर छावा।
कहि न जाइ जेहि भांति बनावा।।
सुमनबृष्टि अकास तें होई। 
ब्रह्मानंद मगन सब लोई।। 
ध्वजा, पताका और तोरणों से नगर सुशोभित है। जिस प्रकार से अयोध्या सजाया गया, उसका तो वर्णन हो ही नहीं सकता। गगन से पुष्पों की वृष्टि हो रही है। सभी लोग ब्रह्मानंद में मग्न हैं।





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