रामलला विग्रह को विविध आभूषणों से दिव्य श्रृंगार किया गया है।
भगवान के प्रभामंडल के ऊपर स्वर्ण का छत्र लगा है।
मुकुट
स्वर्ण से निर्मित मुकुट मे माणिक्य पन्ना और हीरों से अलंकृत है। मुकुट के मध्य में सूर्य अंकित है, दाये बाएं मोतियों की माला पिरोई गई है तथा उत्तर भारतीय परम्परानुसार है।
कुंडल
मयूर आकृतियों से सुशोभित स्वर्ण, हीरे, माणिक्य और पन्ने से कर्ण कुण्डल बने हैं।
कांठा गले का हार
गले में अर्धचंद्राकार रतन से जड़ित हार सुशोभित है मध्य में सूर्य देव बने हैं। सोने से बनाया कांठा हीरे माणिक्य पन्नों से जड़ा है।
कौस्तुभमणि
कौस्तुभमणि को हृदय में धारण कराया गया है जिसे एक बड़े माणिक्य और हीरों के अलंकरण से सजाया गया है।
पदिक
यह कंठ से नीचे तथा नाभि कमल से ऊपर पहनाया गया हार होता है यह पदिक पांच लाडो वाला हीरे और पन्ने का है ।
वैजयंती माला
स्वर्ण निर्मित हर है जिसमें कहीं-कहीं माणिक्य लगाए गए हैं इस विजय के प्रतीक के रूप में बनाया जाता है इसमें मंगल चिन्ह सुदर्शन चक्र पदम पुष्प शंकर और मंगल कलश दर्शाया गया है।
कमर में कांची या करधनी
करधनी रत्न जड़ित है स्वर्ण से निर्मित करधनी में प्राकृतिक सुषमा का अंकन है जिसमें छोटी-छोटी पांच घण्टियां लगी है।
भुजबंध दोनों भुजाओं में स्वर्ण और रत्न से जड़ित भुज बंद बनाए गए बनाए गए हैं ।
कंकण या कंगन
हाथों में रत्न जड़ित कंगन है ।
मुद्रिका (अंगूठी)
बाएं और दाएं दोनों हाथों की अंगुली रत्न जड़ित मुद्रिकाओं से सुशोभित है ।
पैजानिया पैरों में पैजानिया सोने की है ।
रामलला के बाएं हाथ में स्वर्ण का धनुष है जिसमें मोती-माणिक और पन्ने की लटकने लगी है इसी तरह दाहिने हाथ में स्वर्ण का बाण धारण किया है ।
रामलला के मस्तक पर उनके मंगल तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया है भगवान के चरणों के नीचे कमल स्वर्णमाला सुसज्जित है ।
रामलला 5 वर्ष के बालक रूप में विराजे हैं इसलिए पारंपरिक ढंग से उनके सम्मुख चांदी के निर्मित खिलौने में झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौना गाड़ी रखे गए हैं।
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