बीड़ी और सिगरेट दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके धुए से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होता है फिर भी लोग इस सस्ते नशा को छोड़ नहीं पा रहे हैं।
धूम्रपान से जुड़े खतरनाक बीमारियों में मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन ट्यूमर जैसे कई जानलेवा कैंसर शामिल हो सकते हैं। इसलिए धूम्रपान से दूर रहना बेहद महत्वपूर्ण है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के मुताबिक, धूम्रपान पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुंचा रहा है। लोगों की धूम्रपान की आदत की वजह से हर साल 8 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में मिल रही है।
बीड़ी सिगरेट से कैंसर जैसा जानलेवा रोग -
बीड़ी बनाना कुटीर उद्योग है जो आय का प्रमुख साधन है। बीड़ी और बीड़ी पीने वाले देश के हर स्थान में उपलब्ध है। स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ जोधपुर और टोबैको रिसर्च एंड इवोल्यूशन ने ई-प्लेटफॉर्म पर एक रिपोर्ट जारी किया है कि बीड़ी स्वास्थ के लिए कितना घातक है। 6 महीने के अपने अध्ययन के पश्चात् जारी रिपोर्ट में बताया है कि बीड़ी के सेवन से प्रतिवर्ष 5 लाख से अधिक लोगों की मौतें होती है तथा 3 करोड़ से अधिक लोग कैंसर, टीवी, जैसी जानलेवा बीमारियों से प्रभावित हो जाते हैं।
विशेषज्ञों ने बताए कारण -
टी बी एंड चेस्ट तथा अन्कोलोजिस्ट विशेषज्ञ के अनुसार बीड़ी में कोई लाइनिंग या फिल्टर नहीं होता जिसके कारण बीड़ी का धुंआ सीधे स्वांस नली, दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुचाता है। सिगरेट में फ़िल्टर लगे होने के बावजूद घातक होता है। बीड़ी का खपत शहरों की अपेक्षा गांवो में अधिक है जहाँ महिलाएं भी पीड़ित है। इससे मुँह और फेफड़े का कैंसर, दिल की बीमारी से ग्रसित होते हैं।
बीड़ी सिगरेट से देश में मौत का आंकड़ा -
देश के 28 राज्यों के अध्ययन के बाद जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक 1 लाख से ऊपर मौतें होती है इस सर्वे में छत्तीसगढ़ 15 स्थान पर है जहाँ प्रतिवर्ष 11 हजार से अधिक मौतें होती है या रोगों से पीड़ित होती है।
बीड़ी में कवरिंग नहीं होने की वजह से यह ज्यादा खतरनाक हो सकती है.
सिगरेट में फिल्टर होने की वजह से धुआं कम मात्रा में बॉडी के अंदर जाता है। फिर भी हानिकारक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का निर्देश -
who का निर्देश के अनुसार भारत सरकार को टैक्स बढ़ाने का सिफारिश किया है। तम्बाकू, उत्पादों के विरुद्ध, जागरूकता अभियान तथा स्कूल कालेजों से 100 मी. के अंदर ऐसा उत्पाद नहीं बेचा जाए।
स्मोकर को जितना नुकसान होता है उसके साथ बैठे व्यक्ति को भी उतना ही होता है।
धूम्रपान से दूर रहें, स्वस्थ रहें।
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