Thursday, January 25, 2024

कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न पदक: पदकों की सूची

    भारत का सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न" राजनीति, कला, साहित्‍य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है। हालांकि इस सम्मान में कोई धनराशि नहीं मिलती है।

     बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के जन्म शताब्दी वर्ष पर केंद्र सरकार ने "कर्पूरी ठाकुर" को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की है।

Bharat Ratna

कर्पूरी ठाकुर का जीवन परिचय

कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार राज्य के पिझोन्तिया गांव समस्तीपुर में पिछडी वर्ग के नाई समाज में 24 जनवरी 1924 को हुआ था।  1952 में पहली बार विधायक चुने जाने के बाद आजीवन किसी न किसी सदन के सदस्य रहे महत्वपूर्ण पदों में रहने के बावजूद उनके पास अपना ना घर था और ना गाड़ी। पैतृक जमीन भी नहीं थी। राजनीति में ईमानदारी ने कर्पूरी को जननायक बना दिया था कर्पूरी का निधन 64 वर्ष की उम्र में 17 फरवरी 1988 को हुआ।
   श्रमिक वर्ग, मजदूर, छोटे किसानों और युवाओं के सशक्त आवाज़ सामाजिक न्याय के प्रतिबद्धता ने वंचितों के मसीहा जननायक बन गये। स्थानीय भाषा, शिक्षा संस्कृति के पक्षधर थे। स्वतन्त्रता के पहले भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। वर्ष 1977 के आपातकाल में जयप्रकाश नारायण, लोहिया और चरण सिँह के साथ रहे।
    1970 से 79 तक दो बार मुख्यमंत्री बने तत्पश्चात् विधानसभा के विपक्ष के नेता बने। 

भारत रत्न सम्मान की सूची

1. 1954 - डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
2. 1954 - चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
3. 1954 - डॉक्टर चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण
4. 1955 - डॉक्टर भगवान दास )
5. 1955 - सर डॉ॰ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या
6. 1955 - पंडित जवाहर लाल नेहरु
7. 1957 - गोविंद वल्लभ पंत
8. 1958 - डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे
9. 1961 - डॉ॰ बिधन चंद्र रॉय
10. 1961 - पुरूषोत्तम दास टंडन
11. 1962 - डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद
12. 1963 - डॉ॰ जाकिर हुसैन
13. 1963 - डॉ॰ पांडुरंग वामन काणे
14. 1966 - लाल बहादुर शास्त्री मरणोपरान्त
15. 1971 - इंदिरा गाँधी
16. 1975 - वराहगिरी वेंकट गिरी
18. 1976 - के. कामराज, मरणोपरान्त
19. 1980 - मदर टेरेसा
20. 1983 - आचार्य विनोबा भावे, मरणोपरान्त
20. 1987 - खान अब्दुल गफ्फार खान गैर-भारतीय
21. 1988 - डॉ॰ एम. जी. रामचन्द्रन , मरणोपरान्त
22. 1990 - डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर, मरणोपरान्त
23. 1990 - नेल्सन मंडेला, दूसरे गैर-भारतीय
24. 1991 - राजीव गांधी , मरणोपरान्त
25. 1991 - सरदार वल्लभ भाई पटेल , मरणोपरान्त
26. 1991 - मोरारजी देसाई
27. 1992- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद , मरणोपरान्त
28. 1992 - जे आर डी टाटा
29. 1992 - सत्यजीत रे
30. 1997 - ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम
31. 1997 - गुलजारी लाल नंदा
32. 1997 - अरुणा असाफ़ अली, मरणोपरान्त
33. 1998 - एम एस सुब्बुलक्ष्मी
34. 1998 - सी सुब्रामनीयम
35. 1998 - जयप्रकाश नारायण, मरणोपरान्त
36. 1999 - पंडित रवि शंकर
37. 1999 - अमृत्य सेन , मरणोपरान्त
38. 1999 -गोपीनाथ बारदोलोई  मरणोपरान्त
39. 2001 - लता मंगेशकर
40. 2001 - उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां
41. 2008 - पंडित भीमसेन जोशी
42. 2014 सी॰ एन॰ आर॰ राव
43. 2014 सचिन तेंदुलकर
44. 2015 अटल बिहारी वाजपेयी
45. 2015 महामना मदन मोहन मालवीय मरणोपरान्त
46. 2019 प्रणब मुखर्जी
47. 2019 भूपेन हजारिका , मरणोपरान्त
48. 2019 नानाजी देशमुख , मरणोपरान्त
49. 2024 कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी)                50. 2024 लालकृष्ण आडवाणी                        51. 2024 चौधरी चरण सिंह (5 वाां प्रधानमंत्री )        52. 2024 पी.वी. नरसिम्हा राव (पूर्व प्रधानमंत्री)        53. 2024 एम. एस. स्वामीनाथन (कृषि वैज्ञानिक)


    भारतरत्न और पद्म पुरस्कार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अंतर्गत उपाधियाँ है। आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, लेकिन "मदर टेरेसा" और दो गैर-भारतीयों, पाकिस्तान के "खान अब्दुल गफ्फार खान" और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति "नेल्सन मंडेला" को प्रदान किया गया है। 

    भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी. सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।






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