शीत ऋतु में आने वाला गोल-गोल हरे रंग का फल आंवला (Gooseberry) है। इसमें विटामिन "सी" प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला को शक्तिदायक 'अमृत फल' माना गया है। 'त्रिफला' चूर्ण में मुख्य घटक के रूप में रहता है आंवला से ही च्यवनप्राश बनाया जाता है यह शरीर बल एवं युवावस्था को स्थिर बनाए रखने और बुढ़ापा दूर करने का सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक औषधि माना गया है। दांत एवं मसूड़े को मजबूत बनाता है साथ ही आंखों की ज्योति बढ़ता है, हाई ब्लड प्रेशर हृदय रोग, कैंसर, चर्म रोग, लीवर और किडनी, मधुमेह के रोग जैसे अनेक रोगों को दूर करता है। आंवला में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम और हार्ट के रोग को रोकता है। आंवला का तेल शरीर के रोगों और बालों के लिए परम हितकारी है इसलिए हमें आंवले का उपयोग नियमित किया जाना चाहिए ।
आंवला का सेवन से होने वाले लाभ इस प्रकार है-
1) आंवला का सेवन हम सीधे ही कर सकते हैं। आंवला खट्टा होता है जिससे दांत खट्टे हो जाता है इसलिए नमक लगाकर सेवन कर सकते हैं जो दांतो और मसूड़े को स्वस्थ रखता है।
2) इसका उपयोग खारा मीठा चटपटी कैण्डी या फिर मुरब्बा बनाकर किया जा सकता है।
3) आंवले के बीज निकालकर कद्दूकस करके उबालकर आवश्यकता अनुसार चीनी या नमक मिलाकर चटनी या जैम की तरह उपयोग कर सकते हैं।
4) आंवले को उबालने के बाद के पानी से बाल धोने से बाल मजबूत, घने एवं काले होते हैं।
5) आंवले और भृंगराज को मिलाकर तेल बनाकर बाल में लगाने से सफेद बाल भी काले हो जाते हैं।
आंवले में औषधिय गुण होने के कारण अमृत फल माना गया है इसका नियमित सेवन हमारे स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है। किसी न किसी रूप में सेवन करते रहने से हमारे शरीर के एवं पेट के रोग और कब्ज आदि को दूर रखता है।
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